"कामिनी एक अजीब दास्तां"।
कामिनी भाग 4
आकाश इस बात को बहुत अच्छी तरह समझ गया है कि वापस लाल टेकरा गांव जाना खतरनाक है पर कामिनी का अत्यधिक सौंदर्य उसका प्रेम पूर्ण व्यवहार और पूर्ण समर्पण भाव आकाश के मन में मोह जगाता है और इससे भी आवश्यक उसका दोस्त सौरभ जो वहां गुलामी में जी रहा है आकाश अपने मन में इन सभी भाव प्रभाव में से कर्तव्य का मार्ग चुनता है कि उसे अपने दोस्त को वहां से लाना है।
"मैं अपने दोस्तों को कामिनी के चंगुल से छुड़ाना चाहता हूं चाहे इसके लिए मुझे कामिनी से अपने आप का सौदा करना पड़े तो मैं यह भी कर जाऊंगा पर अपने दोस्त को जरूर बचा लूंगा"। आकाश ने गुरुदेव से कहा
आकाश अपना वाक्य बोलने के बाद गुरुदेव की प्रतिक्रिया का इंतजार करता है पर गुरुदेव कुछ नहीं बोलते इसीलिए विवश होकर वह दोबारा कहता है
"आपने कुछ कहा नहीं गुरुदेव"।
"तुमने पहली पंक्ति में प्रश्न किया और दूसरी पंक्ति में उत्तर भी ढूंढ लिया, अगर तुम कामीनी से अपने आप का सौदा ही करना चाहते हो तो करो, मैं, तुम्हारे निश्चय में बाधा नहीं बनूंगा पर यह अवश्य बताऊंगा कि तुम कामिनी की चतुराई उसकी शक्ति और उसकी बौद्धिक परिपक्वता से अनजान हो तुम, उसे जितने कोमल हृदय की स्त्री समझते हो वह तुम्हारी भूल है और फिर भी अगर तुम अपने बंधनों की भावनाओं में बंध कर कामिनी से कोई समझौता करना चाहते हो तो जाओ"।
आकाश को अपनी भूल का एहसास होता है और वह तुरंत गुरुदेव के चरणों में सर रखकर माफी मांगते हुए प्रार्थना भाव से कहता है।
"जैसे एक मां अपने नवजात शिशु के सभी भावों को बिना बोले, समझ लेती है ठीक उसी प्रकार आपने मेरे संपूर्ण हृदय के भावों को समझ लिया है मैं आपके सामने एक नवजात शिशु के समान ही हूं, आप मेरे गुरुदेव हैं, कृपा कर आप मुझे उचित मार्ग दिखाएं और मेरा मार्गदर्शन करें"।
"तुम्हारे पास सांसारिक जीवन के 20 वर्ष का अनुभव है पर कामिनी के पास 5000 वर्ष का अनुभव है वह कोई प्रेत आत्मा नहीं है वह 5000 वर्ष से सशरीर इस संसार में विचरण कर रही है और इन 5000 वर्षों में उसने ना जाने कितने नव युवकों को अपना शिकार बनाया है इसका हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं इसीलिए हमें कामिनी का मुकाबला करने के लिए उसके संपूर्ण अतीत को जानना होगा अगले महीने से नवरात्रि शुरू हो रहे हैं नवरात्रि के इन 9 दिनों में संसार की सभी बुरी शक्तियों की शक्ति कमजोर हो जाती है अगले महीने में स्वयं वहां जाकर नवरात्रि में ध्यान समाधि पर बैठूंगा और कामिनी के अतीत का हर रहस्य जान लूंगा। तब, तक तुम वहां नहीं जाओगे, जब तक हमें कामिनी का अतीत ज्ञात नहीं हो जाता, तब तक हम उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं"। गुरुदेव ने कहा
"जैसी आपकी आज्ञा गुरुदेव"।
आकाश यह भी बहुत अच्छी तरह से जानता है कि वह गुरुदेव की सहायता के बिना कुछ भी नहीं कर सकता है इसीलिए उसे अपने दोस्त को बचाने और कामिनी का हर रहस्य जानने के लिए गुरुदेव के दिशानिर्देश अनुसार चलना होगा इसीलिए वह धैर्य का आश्रय लेकर गुरुदेव की आज्ञा का इंतजार करता है।
अगले दिन
आकाश अपने कमरे में बैठा चाय पी रहा है तभी उसकी नजर सामने रखी मैज पर पड़े अखबार पर जाती है जिस पर लिखा है
"लाल टेकरा गांव में रहस्यमय ढंग से उभरते कलाकार अक्षय व तीन अन्य युवकों की हत्या"!
यह पढ़ते ही आकाश अपनी चाय को वही रख कर तत्काल अखबार उठाकर पड़ने लगता है खबर पढ़कर आकाश के रोंगटे खड़े हो जाते हैं और उसके माथे पर असहज ही पसीना आ जाता है यह खबर दिल दहलाने वाली है जिसमें लिखा है अक्षय और तीन अन्य युवकों के दिल निकाल लिए गए थे और शरीर के कई टुकड़े कर दिए गए थे और साथ ही यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि लाल टेकरा गांव में भेड़िए बहुत है इसीलिए भेड़िओ को कारण बताया जा रहा है।
तभी आकाश के पास उसके जोहरी मित्र का फोन आता है और वह कहता है "डील फिक्स हो गई है, तुम आभूषण लेकर चले आओ, पता तुम्हें मैसेज कर दिया है"।
"ठीक है मैं आता हूं"।
आकाश मोबाइल में मैसेज पढ़ता है और अपने बैग को उठाकर जोहरी मित्र के पास पहुंचता है फिर बैग में से आभूषण निकालकर जोहरी को देता है।
जोहरी इन आभूषणों को निकालता है तो आश्चर्य में पड़ जाता है क्योंकि वह आभूषण सोने के नहीं लोहे के हैं उनकी पीली चमकीली चमक अब काली हो गई है यह देख जोहरी और आकाश आश्चर्य में पड़ जाते हैं पर आकाश की सारी उमंगे उसकी सारी उम्मीदें बेरंग हो जाती है उसे समझ नहीं आता कि यह कैसे हो गया, उसे लगता है कामीनी ने उसके साथ छल किया है, वह पिशाचीनी है, किसी के दुख दर्द को नहीं समझती है, उसे तो बस खून पीना आता है।
आकाश को कामिनी पर बहुत क्रोध आता है और प्रतिशोध की अग्नि उसके दिल में जल उठती है, वह इस घटना के बाद रात भर नहीं सोता है और विचार करता है कि वह पागल प्रोफ़ेसर पागल नहीं है जरूर वह कामीनी का रहस्य जानता है इसीलिए तो वह 20 साल के लड़कों को गांव में नहीं आने देता है , आकाश के हृदय में बदले की आग बहुत तेज हो जाती है इसीलिए अब, वह गुरुदेव के आदेश का 1 महीने तक इंतजार नहीं कर सकता और सुबह होते ही पहली ट्रेन पकड़कर लाल टेकरा गांव के लिए निकलता है और उसे पूरी उम्मीद है कि वह पागल प्रोफेसर उसकी मदद जरूर करेगा और कामिनी का रहस्य बताएगा वह अपने दिल में बदले की आग लिए लाल टेकरा गांव पहुंच गया है फिर वह ट्रेन में से उतर कर अपने रेलवे कक्ष में आता है जहां स्टेशन मास्टर केदारनाथ खलासी धर्मदेव और कांस्टेबल गोपाल नाथ जी बैठे हैं।
"तुम्हारी यादों में हम बेकरार हो गए"।
"क्यों आप हमारे स्टेशन से फरार हो गए"।
"बिना बताए कहां चले गए थे आकाश बाबू? चिंता में डाल दिया था यार तुमने"। केदारनाथ अपने व्यंग भाव से कहा
"माफ करना सर घर पर जरूरी काम आ गया था दोबारा ऐसी गलती नहीं करूंगा"। आकाश ने शर्म भाव से कहा।
"आओ भोजन कर लो आकाश बाबू। धर्मदेव ने कहा
"जी जरूर, एक बात बताओ उस दिन , जब मैं जा रहा था तब आप क्या कह रहे थे? " मैं उस दिन सुन नहीं पाया था"। आकाश ने कुर्सी पर बैठते हुए धर्म देव से पूछा
"उस दिन गांव में बहुत ही भयानक घटना घटी थी फिल्म शूटिंग के लिए जो टीम आई थी उसके हीरो और तीन अन्य नव युवकों को भेड़ियों ने मार डाला, नशे में धुत होकर रात में, गांव के खंडहरों और जंगल में घूम रहे थे मनचले। धर्मदेव ने बताया
"आपको कैसे पता चला कि उन चारों की हत्या भेड़ियों ने ही की है"?
"उन के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए थे और सीने से दिल भी निकाल लिए गए थे , ऐसा तो भेड़िए ही कर सकते हैं"। धर्मदेव ने बताया
"अगर मैं कहूं उन चारों को भेड़ियों ने नहीं पिशाचीनीओ ने मारा है तो आप मानोगे या नहीं"।
"हा हा हा हा हा, आकाश की यह बात सुनकर वह तीनों हंस पड़ते हैं और केदारनाथ जी कहते हैं।
"इस मॉडर्न जमाने में पिशाचीनी पर यकीन करना मुमकिन नहीं पर जिस दिन आंखों से देख लूंगा उस दिन जरूर यकीन कर लूंगा।
"आपकी यह हसरत बहुत जल्द पूरी होने वाली है"।आकाश ने हंसते हुए कहा
"जिस दिन हसरत पूरी हो जाएगी उस दिन विश्वास भी हो जाएगा। केदारनाथ ने कहा
आकाश तुरंत समझ जाता है कि गांव वाले यहां की सच्चाई से अनजान है क्योंकि वह केवल 20 साल के युवकों से ही मिलती है और यह तीनों तो 50 वर्ष के करीब लगते हैं, इसीलिए इन्हें समझाना नामुमकिन है।
फिर आकाश अपने कमरे में आता है और अपने कमरे की खिड़की खोल कर पुल और नदी के किनारों पर देखता है पर उसे कोई नजर नहीं आता। फिर वह पुल पर आता है और इधर उधर देखता है जब उसे वहां भी कोई दिखाई नहीं देता तो वह गांव में जाने का निर्णय लेता है और कुछ देर बाद गांव में पहुंच जाता है गांव में लगभग सभी के छोटे-छोटे मकान हैं और सभी लोग बड़े सीधे साधे प्रतीत हो रहे हैं और वह सभी गांव वाले आकाश को ऐसे देख रहे हैं जैसे वह कोई एलियन (परग्रही) है, गांव की युवतियां उसे छुप छुप कर देख रही है उसे गांव में बुजुर्ग और बच्चे तो नजर आ रहे हैं पर कोई भी युवा नजर नहीं आ रहा है।
आकाश इस आश्चर्य को तो देख ही रहा था कि तभी आकाश को इस दुनिया का आठवां अजूबा भी नजर आ जाता है एक लड़की अपने घर के बाहर बर्तन धो रही है और इसमें आश्चर्य की बात यह है कि वह लड़की और कोई नहीं कामिनी ही है।
कामिनी को देखकर आकाश के पैरों से मानो ज़मीन खिसक गई हो उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा है इसीलिए वह गांव के लोगों से मुखातिब होकर कामिनी के बारे में पूछताछ करता है और गांव वाले उसे बताते हैं
" इसका नाम कामिनी है , इसके माता-पिता नहीं है , बेचारी अनाथ है पर बहुत ही संस्कारी लड़की है"।
अब आकाश का कौतूहल सातवें आसमान पर पहुंच गया है उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है इसीलिए वह सच जानने के इरादे से कामिनी के सामने आकर खड़ा हो जाता है आकाश को देखते ही कामिनी की खुशी भी सातवें आसमान पर पहुंच जाती है और वह खुशी खुशी भागते हुए अपने घर के भीतर जाती है और एक गिलास पानी लाकर आकाश को देती है आकाश पानी पीकर कहता है
"मुझे , तुमसे कुछ बात करना है अकेले में"।
"यहां सभी गांव वाले देख रहे हैं मैं कुछ देर बाद नदी किनारे आती हूं"।
"ठीक है मैं तुम्हारा वही इंतजार करूंगा"।
आकाश नदी किनारे आकर बैठ जाता है कुछ देर बाद कामिनी भी वहां आ जाती है और आते ही आकाश से लिपट जाती है और कहती है।
" मैं, तुम्हें यहां से भेज कर बहुत पछता रही थी और सोच रही थी कि मैंने अपने पांव पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली, मुझे लगा तुम मुझे भूल जाओगे पर तुमने वापस आकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है, "मैंने तुमसे कहा था कि पहले बहन की शादी कर लेना और अपनी सारी जिम्मेदारी पूरी कर लेना फिर यहां आना पर तुम तो दो दिनों में ही वापस आ गए"।
"तुमने जो आभूषण दिए थे वह नकली है"। आकाश ने कामिनी को खुद से दूर करते हुए कहा
"नहीं वह गहने असली है"। कामिनी ने कहा
आकाश अपने बैग से वह आभूषण बाहर निकलता है और कामिनी को दिखाता है "देखो यह आभूषण"!
कामिनी उन लोहे के गहनों को अपने हाथों में लेकर कहती है "यह गहने वह नहीं है जो मैंने तुम्हें दिए थे तुम्हारे साथ किसी ने छल किया है"।
"छल तो मेरे साथ तुमने किया है कामिनी, यह नकली आभूषण देकर, मैंने तो तुमसे केवल प्रेम की अपेक्षा की थी पर तुमने प्रेम के नाम पर मेरी जिम्मेदारियों की मजबूरियों को ठगा है,। आकाश ने कहा
"शिवजी की कसम मैंने जो तुम्हें आभूषण दिए थे वह यह नहीं है, तुम्हारे साथ किसी ने छल किया है तुम याद करो किसने तुम्हें दो धोखा दिया है, क्योंकि वह गहने अनमोल है उनके लिए कोई भी किसी को धोखा दे सकता है। कामीनी ने कहा
"क्या मतलब है तुम्हारा! "उन गहनों के लिए कोई भी किसी को भी धोखा दे सकता है, मतलब उन गहनों के लिए मैं, तुम्हें धोखा दे रहा हूं।
"मेरा यह मतलब नहीं था पर मैं अपने मरे हुए माता पिता की कसम खाकर कहती हूं वह गहने असली थे और यह गहने वह नहीं है, तुमने खुद अपनी आंखों से देखे थे उन गहनों को जो मैंने तुम्हें दिए थे , तुम ही बताओ क्या यह वही गहने हैं , मैं फिर कहती हूं, तुम्हारे साथ धोखा हुआ है"। कामिनी ने भरोसा देते हुए कहा
कामिनी की बात सुनकर आकाश को थोड़ा सा भरोसा आता है क्योंकि उसे यह भी अनुभव हुआ है कि वह कोई पिशाचीनी नहीं है, एक आम इंसान है जिसका गांव में घर है और उसे गांव के सभी लोग उसे जानते भी हैं उसका संदेह गुरुदेव पर भी लाजमी है पर अभी तक सभी कड़ी रहस्य ही है इसलिए वह निष्कर्ष नहीं निकालता।
तभी कामिनी कहती है "हजारों सालों पहले सिंधु देश में बाढ़ आई थी तो उन लोगों ने उस देश को छोड़कर इस गांव में शरण ली थी, कहते हैं वह उनके साथ हजारों किलो सोना भी लाए थे जिसे उन्होंने यहां के लालची राजा से बचाने के लिए जगह जगह जमीनों में गाड़ दिया था। यह बात बहुत कम लोगों को पता है, 2 साल पहले यहां एक तांत्रिक बाबा आया था अपने चार शिष्यों के साथ, मैंने सुना है वह तांत्रिक बाबा ने अपने चार शिष्यों की बलि चढ़ा दी फिर भी उसे यहां का खजाना नहीं मिला पर उसने कसम खाई है कि वह 1 दिन यहां का सारा खजाना ले जाएगा, पर तुम चिंता मत करो मैं और भी गड़े खजाने के बारे में जानती हूं।
आकाश अपने पर्स में से एक फोटो निकालकर कामिनी को दिखाता है और पूछता है "क्या यही वह तांत्रिक है"?
"हां, यही तो वह तांत्रिक है, इसके बारे में गांव वाले भी जानते हैं चाहो तो उनसे पूछ लेना। कामिनी ने कहा
यह सुनते ही आकाश को एक झटका सा लगता है और वह एक बहुत ही जटिल उलझन में उलझ जाता है वह तत्क्षण समझ जाता है कि गुरुदेव उसका इस्तेमाल कर रहे हैं और न जाने कितने नव युवकों का वह यहां का खजाना पाने के लिए इस्तेमाल कर चुके हैं और उनकी बलि दे चुके हैं।
"आखिर वह स्वर्ण के आभूषण लोहे के कैसे हुए"?
"अगर कामिनी पिशाचीनी नहीं है तो गुरुदेव ने झूठ क्यों कहा"?
"क्या रहस्य है सौरभ का, क्या सच में गुरुदेव ने उसकी बलि चढ़ाई थी"?
"कामिनी और गुरुदेव में से कौन सच बोल रहा है"?
कहानी के सभी रहस्य और अपने सभी सस्पेंस जानने के लिए पढ़ते रहिए
"कामिनी एक अजीब दास्तां"
#लेखनी
#प्रतियोगिता
#chetanshrikrishna
Seema Priyadarshini sahay
02-Feb-2022 08:57 PM
Nicely written sr👌👌
Reply
Pamela
02-Feb-2022 12:39 AM
Very nicely written sir, bahut achcha likhte hn aap..
Reply
🤫
01-Feb-2022 08:23 PM
Kafi achcha likha h aapne, Kahani me apki shaily chenge hui h thodi si, baki concept clear chal raha h, kamini itni रहस्यमई है या फिर ये पूरे गांव का ही कोई इश्यू है। कामिनी अब साधारण मिली है आकाश को, इसमें भी कोई रहस्य ही है। तांत्रिक और सुनार दोनो की मिली भगत है क्या कहानी में, ये तो आगे के पार्ट में पता चलेगा। आपकी स्टोरी अच्छी चल रही है, वेटिंग फॉर नेक्स्ट पार्ट....!
Reply